इस लेख में हम गर्भपात से संबंधित अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्नों का जवाब दे रहे हैं।
गर्भपात एक ऐसी प्रक्रिया है जिसका उपयोग गर्भावस्था को समाप्त करने के लिए किया जाता है।
अबॉर्शन के दो प्रकार हैं: मेडिकल और सर्जिकल। अधिक जानने के लिए पढ़े: अबॉर्शन कैसे होता है? तरीका और देखभाल
मेडिकल अबॉर्शन का खर्च ₹500 से ₹1,000 के बीच आता है। सर्जिकल अबॉर्शन में ₹1,000 से ₹2,000 का खर्च आ सकता है।
यदि अबॉर्शन के पहले या बाद में किसी इमेजिंग टेस्ट की आवश्यकता होती है तो खर्च बढ़ जाता है। प्रयोगशाला जांच या सोनोग्राफी टेस्ट किए जा सकते हैं जिसमें 2-3 हजार रूपए लग सकते हैं।
अगर महिला अपनी इच्छा से गर्भपात कराती है तो इसका खर्च बीमा कंपनी नहीं उठाएगी। यदि कोई महिला जान का खतरा होने के कारण अबॉर्शन कराती है तो कुछ बीमा कंपनियां इसका खर्च उठा सकती है।
कुछ सामाजिक बीमा योजना (मैटरनिटी बेनिफिट एक्ट, केंद्र सरकार स्वास्थ्य योजना, कर्मचारी राज्य बीमा योजना) विशेष शर्तों के साथ गर्भपात का खर्च उठाते हैं।
सेक्स-सेलेक्टिव अबॉर्शन गर्भस्थ शिशु के अनुमानित लिंग के आधार पर गर्भपात करने की एक प्रथा है। यदि महिला केवल लड़का चाहती है लेकिन गर्भ में लड़की है, या केवल लड़की चाहती है लेकिन गर्भ में लड़का है, तो वह गर्भपात करा लेती है।
1994 के लिंग चयन प्रतिषेध अधिनियम (Pre-Conception and Pre-Natal Diagnostic Techniques Act) के अनुसार गर्भधारण-पूर्व और प्रसव-पूर्व लिंग निर्धारक जांच या वस्तु का उपयोग और विज्ञापन करना गैर कानूनी है। इस अधिनियम के बाद से सेक्स-सेलेक्टिव अबॉर्शन में कमी आई है।
एमटीपी (MTP) किट दो दवाओं की एक किट है जिसका उपयोग मेडिकल अबॉर्शन के लिए किया जाता है।
गर्भनिरोधक गोली और गर्भपात की गोली एक नहीं है। गर्भनिरोधक गोली महिला को गर्भवती होने से रोकती है जबकि गर्भपात की गोली गर्भावस्था को खत्म करती है। गर्भपात की गोलियों का उपयोग गर्भवती होने के बाद किया जाता है।
पढ़ें: गर्भपात की गोलियों के नाम
मेडिकल अबॉर्शन का सक्सेस रेट लगभग 98% है और सर्जिकल अबॉर्शन का सक्सेस रेट 99% है।
गर्भपात के कई नियम विवाहित और अविवाहित महिलाओं के लिए समान हैं। इस बारे में अधिक जानने के लिए किसी मेडिकल वकील से बात करें।
अगर महिला की उम्र 18 साल से अधिक है तो केवल महिला के लिखित सहमति की आवश्यकता होती है।
अगर महिला की उम्र 18 वर्ष से कम है तो अभिवावक के लिखित सहमति की आवश्यकता होती है।
अगर महिला को गर्भवती हुए 24 सप्ताह से अधिक हो गया है तो वह गर्भपात नहीं करा सकती है। कुछ असाधारण मामलों में 24 सप्ताह के बाद भी गर्भपात कराया जा सकता है लेकिन इसके लिए कोर्ट से अनुमति लेनी पड़ती है।
अवैध गर्भपात (illegal abortion) एक अपराध है और अपराधियों कई तरह की सजाएं दी जा सकती है।
यदि 5 महीने की गर्भावस्था को अवैध रूप से खत्म किया जाता है तो 3 साल की जेल या जुर्माना, या दोनों हो सकता है।
5 महीने से अधिक समय की गर्भावस्था को अवैध तरीके से खत्म करने पर 7 साल की जेल और जुर्माना हो सकता है।
यदि महिला की सहमति के बिना गर्भपात किया जाता है तो 10 साल तक की जेल और जुर्माना हो सकता है।
आशा करते हैं कि इस लेख में आपको गर्भपात से जुड़े सभी जरूरी सवालों का जवाब मिल गया होगा। अगर आपके मन में अभी भी कोई सवाल बाकी है तो आप हमसे पूछ सकते हैं।