बच्चा गिराने (abortion) की कई प्रक्रियाएं होती हैं। हर प्रक्रियाओं को एक विशेष ढंग और विशेष स्थिति में किया जाता है। इनके परिणाम और दुष्प्रभाव भी भिन्न होते हैं।
गर्भपात से पहले आपको उस प्रक्रिया के बारे में सब अच्छा और बुरा जान लेना चाहिए। आपको पता होना चाहिए कि क्या नुकसान हो सकते हैं और रिकवरी कैसी रहेगी। इसलिए आज हम आपको बच्चा गिराने का सबसे अच्छा तरीका बताएंगे।
क्या आप गर्भपात की प्रक्रिया का चयन कर सकते हैं?
बच्चा गिराने की किसी भी प्रक्रिया के फायदे और नुकसान देखकर आप यह तय नहीं कर सकते कि आपके साथ कौन सा अबॉर्शन किया जाना चाहिए। प्रक्रिया का चयन डॉक्टर गर्भावस्था के सप्ताह के अनुसार करते हैं।
आमतौर पर यदि महिला 10 सप्ताह तक की गर्भवती है तो डॉक्टर मेडिकल अबॉर्शन करते हैं। मेडिकल गर्भपात में बच्चा गिराने की गोलियां दी जाती हैं।
यदि महिला को गर्भवती हुए 10 सप्ताह से अधिक हो गया है तो सर्जिकल गर्भपात किया जा सकता है।
इस प्रकार से डॉक्टर बच्चा गिराने की प्रक्रिया का चयन करते हैं। हालांकि, कई परिस्थितियां हैं जब आपको गर्भपात कराने की इजाजत नहीं होती है।
बच्चा गिराने का सबसे आसान तरीका
बच्चा गिराने के दो तरीके हैं, गोलियां और सर्जरी। चालिए देखते हैं कि किस प्रक्रिया में ज्यादा दुष्प्रभाव और जटिलताएं होती हैं।
दोनों तरीकों के अपने अलग फायदे और नुकसान हैं, लेकिन ज्यादातर एक जैसे ही हैं।
सर्जिकल तरीका | बच्चा गिराने की गोलियां (abortion pills) |
सर्वाइकल इंजरी या गर्भाशय में छेद का खतरा | सर्वाइकल या गर्भाशय में छेद का खतरा नहीं |
संक्रमण की संभावना कम | संक्रमण की संभावना बहुत कम ज्यादा |
दर्द और ऐंठन | दर्द और ऐंठन |
ब्लीडिंग | ब्लीडिंग थोड़ी ज्यादा हो सकती है |
अधूरा गर्भपात का खतरा नहीं | अधूरा गर्भपात का खतरा (बहुत कम) |
निष्कर्ष
आमतौर पर गोलियों की मदद से बच्चा गिराना महिलाओं के लिए ज्यादा स्वाभाविक होता है। हालांकि, सही तरीका का चयन हमेशा एक पेशेवर स्त्री रोग विशेषज्ञ गर्भावस्था के चरण के आधार पर करता है।