तिमाही के लक्षणों से पता करें लड़का होगा या नहीं

गर्भावस्था के दौरान बार-बार महिला के मन में यह सवाल उठता है कि उसे लड़का होगा या लड़की। इस दौरान घर-परिवार के लोग भी अपना-अपना दावा पेश करते हैं। उन सभी दावों से अलग, आज हम आपको लड़का होने के उन विशेष लक्षणों के बारे में बताएँगे जो पहली, दूसरी और तीसरी तिमाही में नजर आते हैं।

पुराने जमाने में गाँव के डॉक्टर पहली तिमाही में ही बता देते थे कि महिला को लड़का होगा या नहीं। यह लक्षण बड़े सटीक होते थे और अधिकांश सही निकलते थे। उन लक्षणों को खोजकर हम आपके सामने प्रस्तुत करने जा रहे हैं।

पहली तिमाही में एक लड़का होने के लक्षण

र्गभ में लड़का है तो गर्भावस्था की पहली तिमाही (First trimester) में निम्न लक्षण नजर आते हैं:

बालों का बढ़ना

यदि आपके पैरों के बाल तेजी से बढ़ रहे हैं तो आपको लड़का होगा। यह लक्षण पहली तिमाही में ज्यादा नजर आता है। इस लक्षण को समझने के लिए गौर करें कि पिछले कुछ महीनों से आप कितनी अधिक शेविंग कर रही हैं। बालों के साथ नाखून भी तेजी से बढ़ सकता है।

शुष्क त्वचा

इन दिनों यदि आपकी त्वचा बहुत जल्दी शुष्क (Dry) हो जाती है तो आपको लड़का हो सकता है। नहाने के तुरंत बाद यह लक्षण आसानी से दिख जाता है। हालांकि, त्वचा शुष्क हो जाने पर आपको मॉइस्चराइजर लगाना चाहिए।

पेशाब का रंग

पहली तिमाही में यदि आपके पेशाब का रंग गाढ़ा पीला (Bright yellow) है तो शायद आपको लड़का होगा। वहीँ, अगर पेशाब का रंग हल्का पीला (Dull yellow) है तो शायद आपको लड़का नहीं होगा।

आपको पता होना चाहिए कि पीली पेशाब निर्जलीकरण के कारण भी आती है। इसलिए इसे लड़का होने का लक्षण मानने से पहले यह सुनिश्चित करें कि आप भरपूर पानी पीते हैं और आपको कोई संक्रमण नहीं है।

सिर दर्द

गर्भावस्था की पहली तिमाही में यदि सिर दर्द होता है तो यह लड़का होने का लक्षण है। हालांकि, दर्द की तीव्रता कम रहती है।

दूसरी तिमाही में एक लड़का होने के लक्षण

पेट में लड़का होने पर दूसरी तिमाही (Second trimester) में निम्न लक्षण नजर आने लगते हैं:

सोने का तरीका

दूसरी तिमाही में यदि महिला बाएँ तरह मुंह करके सोती है, तो लड़का होने की संभावना बहुत अधिक है। लड़के का विकास पेट के दाईं ओर होता है, इसलिए बाएँ ओर मुंह करके सोना ज्यादा आरामदायक लगता है।

चमकदार बाल

आपके पैर और सिर के बाल अधिक चमकने लगे हैं? अगर ऐसा है तो आपको लड़का होने वाला है। इसके अलावा बाल पहले से अधिक मजबूत और लंबे होने लगते हैं। यह शरीर में पुरुष हरमोन ‘टेस्टोस्टेरोन’ (testosterone) का स्तर बढ़ जाने के कारण होता है।

स्तन का आकार

आपके स्तनों के आकार में बदलाव होने लगा है तो यह लड़का होने का लक्षण है। यह लक्षण मुख्यतः दूसरी तिमाही से नजर आने लगता है और गर्भावस्था के अंत तक रहता है।

आमतौर पर दोनों स्तन तेजी से बढ़ते हैं लेकिन दायां स्तन बाएँ से थोड़ा अधिक बड़ा हो जाता है।

खाने की लालसा

दूसरी तिमाही, लगभग पांचवे महीने से, नमक और प्रोटीन वाले खाद्य पदार्थों को खाने का मन करता है? यदि हाँ, तो यह लड़का होने का लक्षण है। नमकीन, चीज, मीट, कच्चा आम, अचार आदि की बढ़ी हुई लालसा बताती है कि आपको लड़का होगा।

तीसरी तिमाही में एक लड़का होने के लक्षण

गर्भ में लड़का होने पर तीसरी तिमाही (Third trimester) के लक्षण हैं:

दिल की धड़कन

गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में आप बच्चे के दिल की धड़कन को महसूस कर पाएंगी। स्टेथेस्कोप की मदद से आप इसे सुन भी सकती हैं। यदि बच्चे की ह्रदय गति एक मिनट में 140 बीट्स से कम है तो शायद वह लड़का है।

डॉक्टर की क्लीनिक में जाकर आप गर्भस्थ शिशु के ह्रदय गति का पता लगा सकती हैं।

ठंडे पैर

अगर तीसरी या अंतिम तिमाही में आपके पैर ठंड रहते हैं तो आपको लड़का हो सकता है। हालांकि, इस दौरान शरीर में कई हार्मोनल उतार-चढ़ाव होते हैं, जिसके कारण भी शरीर ठंडा पड़ सकता है। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि गर्भ में लड़का होने पर केवल पैर का तलवा ठंडा होता है न की पूरा शरीर।

वजन बढ़ना

तीसरी तिमाही में अपना वजन चेक करें और परिणाम डॉक्टर के साथ साझा करें। यदि डॉक्टर को लगता है कि आपका वजन सामान्यतः अधिक हुआ है तो आप एक लड़के की माँ बनने वाली हैं।

यह लक्षण बड़ा जटिल है क्योंकि गर्भस्थ शिशु का आकार बढ़ने के साथ महिला का वजन स्वयं ही बढ़ जाता है। इसलिए स्पष्ट अंतर कर माना मुश्किल होता है।

खुशमिजाजी

दिनभर ख़ुशी रहना, हँसना और मुस्कुराना लड़का होने की तरह इशारा करता है। आपके मन में नकारात्मक विचार नहीं आते हैं। कुछ महिलाओं में यह लक्षण दूसरी तिमाही से ही शुरू हो सकता है और प्रसव तक रहता है।

और पढ़ें: पेट में लड़का ही है कैसे पता करें?

निष्कर्ष

हमने जाना कि प्रत्येक तिमाही में एक लड़का होने के क्या लक्षण हो सकते हैं। हालांकि, यह लक्षण हमेशा सटीक अंदाजा नहीं देते हैं। क्योंकि यह हार्मोनल बदलाव या किसी रोग के कारण भी नजर आ सकते हैं। लेकिन ज्यादातर मामलों में यह लक्षण सही होते हैं।

प्रसव के पूर्व बच्चे के लिंग का सही अनुमान केवल स्क्रीनिंग टेस्ट के जरिए लगाया जा सकता है। हालांकि, यह टेस्ट भारत में इलीगल है।

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