यूरिक एसिड बढ़ने का कारण, लक्षण, इलाज और आसान घरेलू नुस्खे – Uric Acid in Hindi

आधुनिक जीवनशैली में व्यस्तताएं और गलत आहारप्रणाली के कारण, विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना आम हो गया है। एक ऐसी समस्या है यूरिक एसिड की बढ़ती मात्रा, जो आपके शरीर के लिए हानिकारक साबित हो सकती है। इसलिए, यूरिक एसिड के बढ़ने के कारण, लक्षण, इलाज और आसान घरेलू नुस्खों के बारे में जानकारी रखना महत्वपूर्ण है। इस लेख में, हम यूरिक एसिड के बढ़ने के कारण, लक्षण, घरेलू उपचार, आयुर्वेदिक इलाज और इससे बचने के उपायों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।

यूरिक एसिड बढ़ने के कारण – Causes of Increased Uric Acid in Hindi

  1. अधिक पुरीन संयोजन आहार (High purine diet): अधिक मात्रा में मांस, मछली, दूध उत्पाद, बालतोड़ अनाज, मूंगफली, दाल आदि में पुरीन पाया जाता है, जो यूरिक एसिड की बढ़ती मात्रा का कारण बन सकता है।
  2. वजन का बढ़ना (Weight gain): मोटापा यूरिक एसिड के स्तर को बढ़ा सकता है, क्योंकि बढ़े हुए वजन से शरीर में अधिक पुरीन उत्पन्न होती है।
  3. पीने की कमी (Dehydration): पानी की कमी यूरिक एसिड की मात्रा को बढ़ा सकती है, क्योंकि पानी की कमी मूत्राशय के कार्य को प्रभावित करती है।
  4. अल्कोहल की मात्रा (Alcohol consumption): अधिक मात्रा में अल्कोहल का सेवन यूरिक एसिड की बढ़ती मात्रा का कारण बन सकता है।
  5. गुर्दे की बीमारी (Kidney disease): गुर्दे के रोग यूरिक एसिड की बढ़ती मात्रा का कारण बन सकते हैं।

यूरिक एसिड बढ़ने के लक्षण – Symptoms of Increased Uric Acid in Hindi

  1. जोड़ों में दर्द (Joint pain): यूरिक एसिड की बढ़ती मात्रा से जोड़ों में दर्द हो सकता है, जो आमतौर पर बड़ी उंगलियों, घुटनों, टखनों और कलाइयों में पाया जाता है।
  2. सूजन (Swelling): यूरिक एसिड के बढ़ने से जोड़ों में सूजन हो सकती है।
  3. गठिया (Gout): गठिया एक जोड़ों की बीमारी है जो यूरिक एसिड की बढ़ती मात्रा के कारण हो सकती है।
  4. मूत्र में संक्रमण (Urinary tract infection): यूरिक एसिड की अधिक मात्रा से मूत्र में संक्रमण होने की संभावना बढ़ जाती है।
  5. मूत्र रंग का बदलना (Change in urine color): यूरिक एसिड की बढ़ती मात्रा से मूत्र का रंग बदल सकता है, जिससे इसका पहचाना जा सकता है।

यूरिक एसिड बढ़ने के घरेलू उपचारHome Remedies for Increased Uric Acid in Hindi

सेब का सिरका (Apple cider vinegar)

रोजाना एक चम्मच सेब का सिरका गुनगुने पानी के साथ पिएं। इससे यूरिक एसिड की मात्रा को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।

गेहूं के जवरे (Barley)

गेहूं के जवरे को पानी में भिगोकर रात भर के लिए छोड़ दें, फिर उसे चानकर नियमित रूप से पिएं। यह यूरिक एसिड को कम करने में मदद करता है।

नींबू पानी (Lemon water)

गर्म पानी में नींबू का रस और थोड़ा सा नमक मिलाकर पिएं। नींबू का रस मध्यम यूरिक एसिड स्तर को नियंत्रित करने में सहायक होता है।

अदरक और शहद (Ginger and honey)

ग्रेटेड अदरक को शहद के साथ मिलाकर लें। इस मिश्रण को रोजाना खाने के बाद सेवन करने से यूरिक एसिड कम हो सकता है।

तुलसी (Basil)

कुछ तुलसी की पत्तियों को पीसकर शहद के साथ मिलाएं। रोजाना इस मिश्रण को सेवन करने से यूरिक एसिड की मात्रा को कम किया जा सकता है।

मेथी (Fenugreek)

मेथी के बीजों को रात भर के लिए पानी में भिगोकर सुबह चानकर खाएं। यह यूरिक एसिड को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।

पानी की मात्रा (Hydration)

प्रतिदिन काफी पानी पिएं, ताकि शरीर में मूत्राशय की कार्यक्षमता बढ़े और यूरिक एसिड की मात्रा नियंत्रित रहे।

ताजगी वाला पेय (Fresh fruit juices)

ताजे फलों के रस का सेवन करें, जैसे कि अंगूर, संतरा और आम। ये यूरिक एसिड की मात्रा को कम करने में मदद करते हैं।

स्नान के पानी में नमक (Salt in bath water)

गर्म स्नान के पानी में थोड़ा सा नमक मिलाएं और इसमें ताल फेने। यह यूरिक एसिड को नियंत्रित करने में सहायता प्रदान करता है।

यूरिक एसिड बढ़ने का आयुर्वेदिक इलाज: यूरिक एसिड के आयुर्वेदिक इलाज के लिए आप विशेषज्ञ आयुर्वेद चिकित्सक से सलाह ले सकते हैं। आयुर्वेद में यूरिक एसिड के लिए कुछ प्रमुखऔषधियों का प्रयोग किया जाता है, जैसे कि गोखरू, पुनर्नवा, अपामार्ग, शिलाजीत, अमलकी, गुग्गुल आदि। इन औषधियों को समय-समय पर और उचित मात्रा में लेने से यूरिक एसिड की समस्या को नियंत्रित किया जा सकता है।

यूरिक एसिड बढ़ने का आयुर्वेदिक इलाजAyurvedic Treatment for Increased Uric Acid in Hindi

आयुर्वेद में यूरिक एसिड की समस्या के उपचार के लिए विभिन्न प्रकार के कर्म (प्रक्रियाएं) अपनाए जाते हैं। इन कर्मों में से कुछ प्रमुख कर्म हैं – स्नेहन कर्म, उपनाह कर्म, विरेचन कर्म, और बस्ती कर्म। इन कर्मों का उपयोग यूरिक एसिड की मात्रा को नियंत्रित करने, शरीर के विषैले पदार्थों को बाहर निकालने और शरीर को शुद्ध करने में मदद करता है।

स्नेहन कर्म (Snehan Karm)

इस प्रक्रिया में, तैल, घी या औषधि से शरीर की मालिश की जाती है। इससे शरीर के अंगों में शुद्ध और सुगम तेल आपूर्ति होती है और यूरिक एसिड की मात्रा को कम करने में मदद मिलती है। स्नेहन कर्म शरीर की पोषण और शुद्धिकरण को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण होता है।

उपनाह कर्म (Upanah Karm)

यह कर्म उष्ण, शीत या मध्यम गर्मियों में शरीर के आवरण को संरक्षित करने के लिए किया जाता है। यह कर्म यूरिक एसिड की मात्रा को कम करने और शरीर की प्रकृतिक शुद्धि को सुनिश्चित करने में मदद करता है।

विरेचन कर्म (Virechan Karm)

इस प्रक्रिया में, पेशाब या मल के माध्यम से शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालने के लिए विषाक्त औषधि का सेवन किया जाता है। यह कर्म यूरिक एसिड की मात्रा को नियंत्रित करने, शरीर को स्वस्थ और शुद्ध बनाने, और आमवात (गठिया) जैसी समस्याओं को कम करने में सहायता प्रदान करता है।

बस्ती कर्म (Basti Karm)

यह कर्म यूरिक एसिड की मात्रा को नियंत्रित करने, शरीर को विषैले पदार्थों से मुक्त करने और शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए किया जाता है। इस कर्म में आयुर्वेदिक द्रव्यों का आधार होता है और इसे आंतरिक और बाह्य रूप से दोनों तरीकों से किया जा सकता है। यह कर्म शरीर को पुरीतता और शुद्धि देता है, जिससे यूरिक एसिड की मात्रा को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।

ये आयुर्वेदिक कर्म यूरिक एसिड की मात्रा को नियंत्रित करने, शरीर को शुद्ध करने, और संतुलित स्वास्थ्य को प्राप्त करने में मददगार साबित होते हैं। इन कर्मों का उपयोग आयुर्वेदिक वैद्यों द्वारा यूरिक एसिड के उचित प्रबंधन और उपचार के लिए किया जाता है। हालांकि, यह आपके रोग की गम्भीरता, स्थिति और वैद्य की सलाह पर निर्भर करेगा। आपको किसी प्राकृतिक आयुर्वेदिक वैद्य से संपर्क करके अपनी विशेष स्थिति के लिए उपयुक्त कर्मों की सलाह लेनी चाहिए।

यूरिक एसिड बढ़ने पर क्या करना चाहिए?

  1. स्वस्थ आहारप्रणाली अपनाएं: पुरीन संयोजन आहार को कम करें और हेल्दी आहार खाएं, जिसमें सब्जियां, फल, अंकुरित अनाज, दूध उत्पाद, मूंगफली, दाल, नट्स और सबूत अनाज शामिल हों।
  2. वजन नियंत्रित रखें: मोटापा को कम करने के लिए नियमित व्यायाम करें और स्वस्थ वजन बनाए रखने के लिए सावधानी बरतें।
  3. प्रयास करें हाइड्रेशन बरकरार रखें: दिन भर में पर्याप्त पानी पिएं और अल्कोहल और मीठा वाले पेय का सेवन कम करें।
  4. योग और ध्यान करें: नियमित योग और ध्यान प्राकृतिक तरीके से शरीर को स्वस्थ रखने में मदद कर सकते हैं और यूरिक एसिड की मात्रा को कम कर सकते हैं।
  5. नियमित जांच और उपचार: यदि यूरिक एसिड की समस्या बढ़ती है, तो नियमित रूप से चिकित्सक की सलाह लें और उनके द्वारा प्रदत्त उपचार का पालन करें।

यूरिक एसिड की बढ़ती मात्रा एक साधारण स्वास्थ्य समस्या हो सकती है, लेकिन इसका सही समय पर पहचाना और उचित इलाज लेना महत्वपूर्ण है। इस लेख में हमने यूरिक एसिड के बढ़ने के कारण, लक्षण, घरेलू उपचार, आयुर्वेदिक इलाज और बचाव के उपायों पर चर्चा की है। हालांकि, अपनी विशेष स्थिति पर विशेषज्ञ चिकित्सक की सलाह लेना सर्वोत्तम होगा। आपकी स्वस्थता आपकी पहली प्राथमिकता है, इसलिए स्वस्थ जीवनशैली को अपनाकर एक स्वस्थ और सुखी जीवन जीने का प्रयास करें।

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