बवासीर (bawaseer) एक आम बीमारी है जिसका अगर समय पर इलाज न किया जाए तो यह खतरनाक और दर्दनाक हो सकती है। दुनिया की लगभग आधी आबादी को 50 साल की उम्र में एक बार बवासीर होता है।
पाइल्स या तो आंतरिक हो सकता है या बाहरी। कुछ दुर्लभ मामलों में यह एक ही समय दोनों प्रकार का हो सकता है जिसे इंटरोएक्सटर्नल बवासीर (interoexternal hemorrhoids) कहते हैं। इस प्रकार की बवासीर का इलाज करना जटिल होता है।
बाहरी बवासीर अधिक दर्दनाक हो सकता है लेकिन आंतरिक बवासीर की तुलना में इसका इलाज (Bawasir ka ilaj) आसान होता है। इस लेख में आंतरिक और बाहरी बवासीर दोनों के उपचार के तरीकों के बारे में विस्तार से बताया गया है।
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बवासीर का निदान
बवासीर का निदान करने से पहले डॉक्टर आपसे निम्नलिखित प्रश्न पूछ सकते हैं:
- क्या आपके परिवार में किसी को पाइल्स या गुदा की कोई अन्य बीमारी है?
- क्या आपका वजन कम हुआ है?
- क्या पिछले कुछ दिनों में आपने मल त्याग में बदलाव अनुभव किया है?
- क्या मल में खून या बल्गाम आता है?
- आपके मल का रंग क्या है?
बाहरी बवासीर का निदान
बाहरी बवासीर का निदान करने के लिए आमतौर पर किसी मेडिकल टेस्ट या प्रयोगशाला टेस्ट (laboratory test) की आवश्यकता नहीं पड़ती है। एक गुदा रोग विशेषज्ञ केवल गुदा (anus) को देखकर बता सकता है कि आपको पाइल्स है या नहीं। अपने लक्षणों को देखकर आप खुद पता कर सकते हैं कि आपको बाहरी पाइल्स है या नहीं।
पढ़े: बाहरी बवासीर के लक्षण
आंतरिक बवासीर का निदान
आंतरिक बवासीर का निदान करने के लिए डॉक्टर पहले आपके लक्षणों के बारे में पूछेगा। डॉक्टर को अपने सभी लक्षण विस्तार से बताएं।
पढ़ें: आंतरिक बवासीर के लक्षण
लक्षणों को जानने के बाद, वह गुदा और मलाशय की जांच के लिए निम्नलिखित चिकित्सा परीक्षण कर सकता है, क्योंकि इन परीक्षणों के बिना आंतरिक बवासीर का सही निदान संभव नहीं है।
- डिजिटल रेक्टल एग्जाम: इस टेस्ट में गुदा रोग विशेषज्ञ अपने हाथ में दस्ताने पहन लेता है और एक ऊँगली रोगी के गुदा के भीतर डालता है। इसके बाद चिकित्सक गुदा के भीतर सूजन या पाइल्स के मस्सों को महसूस करने की कोशिस करता है।
- इमेजिंग परीक्षण: आंतरिक बवासीर बेहद नरम होती है जिससे कभी-कभी डिजिटल रेक्टल एग्जाम के जरिए इसका निदान कर पाना मुश्किल होता है। इस स्थिति में डॉक्टर आपके भीतरी गुदा और मलाशय के निचले हिस्से का कुछ इमेजिंग परीक्षण कर सकता है। जैसे- एनोस्कोपी (anoscopy), प्रोक्टोस्कोपी (proctoscopy) या सिग्मोइडोस्कोपी (sigmoidoscopy)।
इन जांच प्रक्रियाओं को डॉक्टर की क्लिनिक या हॉस्पिटल में संपन किया जाना चाहिए। बवासीर की नैदानिक प्रक्रियाएं दर्दनाक नहीं होती हैं लेकिन रोगी को असहजता महसूस हो सकती है। प्रक्रिया संपन्न होने के बाद मरीज उसी दिन घर जाने के लिए सक्षम होता है।
बवासीर का इलाज – Piles treatment in hindi
शुरुआती बवासीर को ठीक (पाइल्स का इलाज हिंदी) करने के लिए किसी ख़ास इलाज या उपाय की जरूरत नहीं पड़ती है। आप अपने आहार में बदलाव लाकर और कुछ सावधानियां अपनाकर शुरूआती पाइल्स का इलाज आसानी से कर सकते हैं।
बवासीर का घर में इलाज
आप पाइल्स का इलाज खुद से कर सकते हैं। निम्न तरीके बवासीर का दर्द, सूजन और संक्रमण कम करने में सक्षम हैं।
- क्रीम और मलहम: कई मेडिकल क्रीम और मलहम आते हैं जो बाहरी बवासीर के दर्द, खुजली और सूजन को कम करते हैं और इसे बढ़ने से रोकते हैं। आप इन्हें किसी भी मेडिकल स्टोर से आसानी से खरीद सकते हैं।
- आइस पैक: इसे कोल्ड कंप्रेस (cold compress) भी कहते हैं। बवासीर के ऊपर आइस पैक रखने से दर्द और सूजन से राहत मिलती है।
- फाइबर सप्लीमेंट: आप मिथाइलसेलुलोज (Citrucel) और साइलियम (Metamucil) जैसे फाइबर सप्लीमेंट्स का सेवन कर सकते हैं। यह सप्लीमेंट कब्ज में लाभदायक होते हैं जिससे बवासीर से लड़ने में मदद मिलती है।
- दर्द निवारक दवाएं: इबुप्रोफेन (Advil, Motrin IB), एस्पिरिन, एसिटामिनोफेन और नेप्रोक्सन जैसी दर्द निर्वारक दवाएं बवासीर के दर्द से राहत दिला सकती हैं।
- रोजाना भरपूर मात्रा में पानी पिएँ।
- सिट्ज बाथ: दिन में 10 से 20 मिनट के लिए सिट्ज बाथ लें। यदि आप सिट्ज़ बाथ के पानी में सूजन-रोधी और संक्रमण-रोधी दवा मिला दें, तो यह पाइल्स का इलाज के लिए और अधिक शक्तिशाली हो जाती है।
- नियमित रूप से योगऔर एक्सरसाइज करें।
बवासीर का हॉस्पिटल में इलाज
जब आप घर पर बवासीर का इलाज करने में असमर्थ हों तो आपको अस्पताल या डॉक्टर के क्लिनिक में इलाज कराना चाहिए। डॉक्टर कई सर्जिकल और नॉन-सर्जिकल विधि से पाइल्स का इलाज करते हैं।
गैर-सर्जिकल विधि
यह बवासीर की नॉन-सर्जिकल प्रक्रियाएं हैं जिन्हें डॉक्टर द्वारा संपन्न किया जाता है। इन प्रक्रियाओं में ब्लीडिंग नहीं होती है लेकिन असहजता हो सकती है। निम्न नॉन-सर्जिकल प्रक्रियाओं से पाइल्स का इलाज (Bawasir ka ilaj) किया जा सकता है।
- इन्फ्रारेड फोटोकैग्यूलेशन (Infrared photocoagulation)
- रबर बैंड बंधाव (Rubber band ligation)
- स्क्लेरोथेरेपी
- क्षार सूत्र पैरा-सर्जिकल विधि
- डॉपलर-निर्देशित रक्तस्रावी धमनी बंधाव (Doppler-guided hemorrhoidal artery ligation)
सर्जिकल विधि
बवासीर का सर्जरी द्वारा इलाज को हेमरॉयडेक्टमी कहते हैं। हेमरॉयडेक्टमी की निम्न विधियाँ प्रचलन में हैं।
- स्केलपेल हेमोराहाइडेक्टोमी (scalpel hemorrhoidectomy)
- लेजर हेमोराहाइडेक्टोमी (laser hemorrhoidectomy)
- ओपन हेमोराहाइडेक्टोमी (Open hemorrhoidectomy)
- क्लोज्ड हेमोराहाइडेक्टोमी (Closed hemorrhoidectomy)
- स्टेपल हेमोराहाइडेक्टोमी (Stapled hemorrhoidectomy)
- सबम्यूकोसल हेमोराहाइडेक्टोमी (Submucosal hemorrhoidectomy)
बवासीर का सर्जिकल इलाज की जटिलताएं
बवासीर की सर्जरी कराने के बाद निम्न जटिलताएं या साइड इफेक्ट्स नजर आ सकते हैं:
- 2-3 सप्ताह तक पोस्ट-ऑपरेटिव दर्द रह सकता है
- घाव में संक्रमण
- ब्लीडिंग
- गुदा में सूजन
- मल असंयमता
- पेशाब करने में परेशानी
- बार-बार पेशाब आना
बवासीर का इलाज के लिए सर्जरी कब जरूरी है?
यदि बवासीर (piles) अपने प्रारंभिक चरण में है तो आपको सर्जरी की आवश्यकता नहीं है। इसका इलाज केवल कुछ दवाओं और आहार प्रबंधन द्वारा किया जा सकता है।
बाहरी बवासीर के मामले में यदि मस्सों का आकार बहुत बड़ा हो गया है जिससे दर्द और परेशानी होती है, तो सर्जरी की जरूरत होती है।
यदि तीसरी और चौथी श्रेणी की आंतरिक बवासीर है तो सर्जरी की आवश्यकता होती है। आम तौर पर ग्रेड 1 और ग्रेड 2 की आंतरिक बवासीर का उपचार के लिए सर्जिकल प्रबंधन की आवश्यकता नहीं होती है।