इस लेख में पतंजलि की उन दवाओं के बारे में बताया गया है जो बवासीर के लक्षणों से राहत दिलाने में मदद कर सकती हैं।
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बवासीर की पतंजलि दवाओं के नाम
पतंजलि की निम्न दवाएं बवासीर में लाभकारी हो सकती हैं:
दिव्य अर्शकल्प वटी

दिव्य अर्शकल्प वटी नीम, कपूर, एलोवेरा और हरड़ से मिलकर बनी है। रोजाना सुबह-शाम इसकी एक-एक गोली का सेवन करना चाहिए। इसका 3 सप्ताह तक सेवन करने से बवासीर के सूजन और दर्द से आराम मिल सकता है। यह दवा कब्ज से भी छुटकारा दिलाती है।
दिव्य त्रिफला गुग्गुल

दिव्य त्रिफला गुग्गुल में बहेड़ा, आंवला और गुग्गल जैसी लाभकारी आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियाँ मिली हुई हैं। बवासीर के लक्षणों से छुटकारा पाना के लिए इसे सुबह-शाम गुनगुने पानी के साथ लिया जा सकता है।
इसबगोल भूसी

पतंजलि की इसबगोल भूसी पाउडर के रूप में आती है। इसमें फाइबर की पर्याप्त मात्रा पाई जाता है। इसका सेवन करने से मल मुलायम बनता है और बवासीर की ब्लीडिंग से भी राहत मिलती है।
5 ग्राम इसबगोल भूसी को गुनगुने पानी के साथ दिन में दो बार लेना चाहिए। जिन बवासीर रोगियों को मल त्याग के दौरान दर्द होता है उनके लिए यह लाभदायक साबित हो सकती है।
दिव्य शुद्धि चूर्ण

दिव्य शुद्धि चूर्ण में निम्न घटक मौजूद होते हैं:
- त्रिवृत: यह बवासीर के सूजन और दर्द को कम करने में उपयोगी है।
- भूम्यामलकी: यह आंतो को खाली करती है जिससे मल त्याग में आसानी होती है।
इसके अलावा इस दवा में जीरा, हींग, आंवला और बहेड़ा भी पाए जाते हैं जो कब्ज से राहत दिलाते हैं। सुबह-शाम तीन चम्मच दिव्य शुद्धि चूर्ण को गुनगुने पानी में मिलाकर लेना फायदेमंद होता है।
दिव्य उदरकल्प

दिव्य उदरकल्प में सौंफ, मुलेठी, गुलाब का फूल, हरारा आदि आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियाँ मौजूद हैं। यह दवा मल को नरम बनाती है जिससे मलत्याग के दौरान दर्द नहीं होता है।
5 ग्राम दिव्य उदरकल्प चूर्ण को सुबह खाली पेट गर्म पानी के साथ लेना चाहिए।
साइड इफेक्ट्स
इन दवाओं को जैविक जड़ी-बूटियों और फलों से तैयार किया जाता है, इसलिए इनके सेवन से साइड इफेक्ट होने की संभावना बहुत कम है। हालांकि कुछ विशेष परिस्थितियों में निम्न दुष्प्रभाव देखे जा सकते हैं:
- उल्टी
- डायरिया
- पेट दर्द
निष्कर्ष
ऊपर बताई गई पतंजलि दवाएं सामान्य और खूनी बवासीर के लक्षणों को कम करने में सहायक हो सकती हैं। हालांकि, यदि इनके नियमित उपयोग के बाद भी कोई लाभ नजर नहीं आता है तो किसी अन्य उपचार की तलाश करें।
यदि आपको ग्रेड-III या ग्रेड-IV की बवासीर है तो बेहतर होगा कि आप गुदा रोग विशेषज्ञ से बात करें।