आयुर्वेद में नीम को औषधि का दर्जा प्राप्त है जो कई बड़े रोगों को दूर करने की क्षमता रखती है। बवासीर एक सामान्य रोग है जिसका इलाज नीम से संभव है। शुरूआती ग्रेड या कम जटिल बवासीर को नीम की मदद से बढ़ने से रोका जा सकता है। नीम पाइल्स के मस्सों को पूरी तरह सुखाने की भी क्षमता रखती है।
नीम का उपयोग आंतरिक या बाहरी बवासीर की स्थिति में किया जा सकता है। आज हम इस लेख में बताएँगे कि बवासीर में नीम का इस्तेमाल कैसे होता है और यह किस तरह से लाभ पहुंचाता है।
बवासीर में नीम के फायदे
बवासीर हो जाने पर नीम का उपयोग करने से निम्न लाभ मिलते हैं:
- सूजन दूर होता है: नीम में मौजूद एंटी-इम्फ्लामेट्री गुण मांसपेशियों का सूजन दूर करने में मदद करते हैं।
- संक्रमण नहीं होता: नीम में एंटी-बैक्टीरियल तत्व पाए जाते हैं जो बवासीर के मस्सों और आसपास की त्वचा में संक्रमण होने से रोकते हैं।
- दर्द कम होता है: नीम में दर्द को दूर करने के प्रभावी गुण मौजूद होते हैं।
- खुजली दूर होती है: बवासीर के मस्सों में खुजली होना त्वचा के इन्फेक्शन की ओर इशारा करता है। जब बैक्टीरिया मस्सों पर डेरा जमाते हैं तो असहनीय खुजली उत्पन्न होती है। नीम इस तरह के जीवाणु को मारने में सक्षम है।
बवासीर में नीम का उपयोग कैसे करें?
पाइल्स से छुटकारा पाने के लिए नीम का उपयोग कई तरीकों से किया जा सकता है, जैसे:
नीम का तेल
नीम का तेल बवासीर पर लगाने से बहुत राहत मिलती है। नीम के तेल में मौजूद एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-फंगल और एंटी-इन्फ्लामेट्री तत्व मस्सों को सुखाने में मदद करते हैं।
यह एक अच्छा सूजनरोधी है जो कुछ ही दिनों में गुदा क्षेत्र से सूजन गायब कर देता है। आप रुई के माध्यम से नीम का तेल बवासीर पर लगा सकते हैं।
नीम की पत्ती
नीम की पत्तियों को पीसकर इसका लेप बवासीर पर लगा सकते हैं। पत्तियों के साथ इसके फूल और बीज का पेस्ट भी तैयार कर सकते हैं।
ध्यान रहे लेप ज्यादा गीला न होने पाए। पीसते समय नीम में पानी न डालें।
नीम और नारियल का तेल
बाहरी बवासीर की स्थिति में नीम की पत्तियों के साथ नारियल तेल का पेस्ट अनेक लाभ प्रदान करता है। यह मिश्रण सूजन और दर्द से तत्काल राहत दिलाता है। नीम की पत्ती में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीबैक्टीरियल गुण मौजूद होते हैं जो संक्रमण को दूर करके मस्सों के दर्द से छुटकारा दिलाते हैं।
नारियल तेल एक बेहतरीन मॉइस्चराइजर है जो खुजली और जलन को शांत करता है।
नीम युक्त क्रीम
आपको मेडिकल स्टोर में कई एंटी-बैक्टीरियल और सूजनरोधी क्रीम मिल जाएंगीं जिसमें नीम के तत्व मौजूद होते हैं। आप डॉक्टर की सलाह से इस तरह के मलहम का उपयोग बवासीर पर कर सकते है।
नीम का रस
नीम का रस तैयार करें और रुई या सूती कपड़े की मदद से इसे मस्सों के ऊपर लगाएं। आप नीम के रस का सेवन भी कर सकते हैं। नीम के जूस को पीने से पाचन बेहतर होगा और कब्ज की समस्या नहीं होगी। आपको पता होगा कि कब्ज ही बवासीर का प्रमुख कारण है।
हालांकि, नीम का जूस पीने से पहले अपने फिजिसियन या डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।
नीम की चाय
एक गिलास पानी में 5-6 नीम की पत्तियां डालें और अच्छी तरह उबालें। कुछ देर बाद इस पानी को छान लें और इसमें एक चम्मच शहद और एक चम्मच नींबू मिलाएं। आपकी नीम की चाय तैयार है, इसका सेवन करें।
नीम की कैप्सूल
आप सुबह-शाम, डॉक्टर की अनुमति के बाद, नीम की कैप्सूल खा सकते हैं। यह आपको सामन्य मेडिकल स्टोर में मिल जाएगी।
किसे बवासीर का इलाज के लिए नीम का उपयोग नहीं करना चाहिए?
नीम एक प्राकृतिक जड़ी-बूटी है जिसका उपयोग फायदेमंद तो है, लेकिन कुछ लोगों को इसके उपयोग से बचना चाहिए।
- स्तनपान कराने वाली महिलाएं
- गर्भवती महिलाएं
- जिन्हें नेत्र से संबंधित विकार हो या कम दिखाई देता हो
- डायबिटीज के रोगी को नीम का सेवन डॉक्टर से पूछने के बाद करना चहिए।
- इनफर्टिलिटी से जूझ रहे पुरुष इसका सेवन न करें।
- ऑटो-इम्यून डिजीज है तो बवासीर में नीम का उपयोग न करें।
निष्कर्ष
नीम एक बेहतरीन प्राकृतिक औषधि है इससे बवासीर का उपचार किया जा सकता है। यह बवासीर को हराने के लिए कई तरह के फायदे प्रदान करती है।
उच्च ग्रेड का बवासीर है तो किसी भी घरेलू उपाय को आजमाने के बजाय डॉक्टर से मिलें। मौजूदा समय में अनेक नॉन-सर्जिकल और सर्जिकल प्रक्रियाएं मौजूद हैं जो बवासीर को हमेशा के लिए दूर कर देती हैं।