किडनी बेचना या खरीदना चाहते हैं? भारत में किडनी बेचना एक गैर कानूनी काम है। खरीदना भी अपराध की श्रेणी में आता है।
1994 में एक कानून बनाया गया था, जो एक जिंदा व्यक्ति के अंगों की खरीदारी और बिक्री को अवैध करार करता है।
स्वास्थ्य मंत्रालय की गणना के अनुसार हर साल लगभग 2 से 3 लाख लोगों को किडनी ट्रांसप्लांट की जरूरत होती है, लेकिन केवल 6 हजार किडनी प्रत्यारोपण ही संभव हो पाता है।
एक स्वस्थ व्यक्ति एक किडनी के साथ जिंदा रह सकता है। अगर किसी को किडनी ट्रांसप्लांट की जरूरत लेकिन किडनी नहीं मिल रही है तो डायलिसिस से ही काम चलाया जाता है।
हालांकि डायलिसिस के मुकाबले गुदा प्रत्यारोपण एक बेहतर जिंदगी प्रदान करता है।
किडनी कहां पर बिकती है?
आए दिन ऐसे कई मामले मिलते हैं जहाँ ब्लैक में किडनी का व्यापार होता है । वास्तव में किडनी कहीं पर भी नहीं बिकती है। किडनी बेचना या खरीदना इंडिया में इलीगल है।
किडनी का दान अवश्य होता है। 1994 के कानून के मुताबिक़ परिवार के मृत व्यक्ति की किडनी का दान किया जा सकता है। इसके अलावा घर-परिवार का कोई जीवित सदस्य अपने सगे संबंधी को किडनी दान कर सकता है।
किडनी का दान किसी अनजान व्यक्ति को भी किया जा सकता है। लेकिन आपको इसका मुख्य उद्देश्य बतलाना होता है। आप केवल दान कर सकते हैं, व्यापार नहीं।
अगर आपका उद्देश्य किडनी बेचकर पैसा कमाने का है तो कानून और स्वास्थ्य दोनों की दृष्टि से यह सही नहीं है। भारत में आज भी किडनी घोटाला होते हैं जहाँ कमजोर या अनजान लोगों की किडनी निकाल ली जाती है और उसे लाखों-करोड़ों में बेचा जाता है।
भारत में एक किडनी की क्या कीमत है?
आधिकारिक तौर पर गुर्दे की कीमत शून्य रूपए है। लेकिन एक मरीज जिसे किडनी की आवश्यकता है, उसके लिए यह अमूल्य है। इलीगल तरीके से किडनी को 1 से 1.5 लाख रूपए में बेचा जाता है ।
किडनी या शरीर के किसी भी अंग को बेचने या खरीदने पर 25 लाख रूपए जुर्माना और जेल हो सकती है।
ट्रांसप्लांट के लिए किडनी कहां मिलेगी?
अब सवाल उठता है कि जब किडनी बेचना या खरीदना लीगल नहीं है तो इसकी जरूरत को कैसे पूरा किया जाए?
किडनी ट्रांसप्लांट के लिए डोनर का ब्लड ग्रुप वही होना चाहिए जो मरीज का है।
अगर किसी मरीज को किडनी ट्रांसप्लांट की सख्त जरूरत है तो परिवार का कोई सदस्य ((पति/पत्नी, बच्चे, नाती-पोते, भाई-बहन, माता-पिता और दादा-दादी) अपनी एक किडनी दान दे सकता है। इसके लिए उसे ट्रांसप्लांटेशन सेंटर के इन-चार्ज डॉक्टर की अनुमति की आवश्यकता होती है।
अगर आपके पास फैमिली डोनर नहीं हैं तो आप किसी एनजीओ (NGO) को संपर्क कर सकते हैं। एनजीओ ऐसे लोगों का पता लगाते हैं जो किडनी दान के लिए उत्सुक हैं। इसके बाद मरीज को वेटिंग लिस्ट में रजिस्टर कर दिया जाता है। जब दान के लिए उत्सुक व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो उसकी किडनी निकालकर मरीज के शरीर में प्रत्यारोपित कर दी जाती है।
अगर कोई गैर-संबंधित व्यक्ति जीवित अवस्था में किडनी दान करना चाहता है तो उसे राज्य सरकार द्वारा स्थापित प्राधिकरण समिति (Authorization Committee) की अनुमति लेनी पड़ती है।
निष्कर्ष
भारत में किडनी का कारोबार करना दंडनीय है। किडनी ट्रांसप्लांट की जरूरत को पूरा करने के लिए किसी स्वस्थ व्यक्ति की एक किडनी, या मृत व्यक्ति की किडनी को दान में लिया जा सकता है।
अगर आपको किडनी की जरूरत है तो उन हॉस्पिटल, ट्रस्ट या एनजीओ से बात करें जो लीगल तरीके से इसका बंदोबस्त करते हैं।