कत्था (खैर) से हो सकता है बवासीर का सफल इलाज

कत्था (Catechu) एक जड़ी बूटी है जिसकी टहनियों, लकड़ियों और पत्तियों का उपयोग औषधि बनाने के लिए किया जाता है। इसे खैर भी कहते हैं।

बवासीर के लिए कत्था फायदेमंद हो सकता है। यह दो प्रकार का होता है- काला कत्था और पीला कत्था। इनका बस रंग भिन्न होता है, फायदे एक समान ही होते हैं। इन दोनों का उपयोग बवासीर का इलाज के लिए किया जा सकता है।

पेट की समस्याओं जैसे दस्त, कब्ज, कोलाइटिस (आंत का सूजन), और अपच के लिए कत्था का सबसे अधिक उपयोग किया जाता है। इसे त्वचा पर लगाने से दर्द, रक्तस्राव और सूजन कम होता है। यही कारण है कि कत्था बवासीर में फायदेमंद होता है।

बवासीर में कत्थे का उपयोग

बवासीर में कत्था का उपययोग निम्न लाभ प्रदान कर सकता है:

  • मस्सों का सूजन दूर करता है
  • गुदा क्षेत्र के जलन को कम कर सकता है
  • कब्ज दूर करता है
  • संक्रमण से लड़ता है
  • बवासीर के रक्तस्त्राव को कम करता है
  • दर्द से छुटकारा दिलाता है

कत्था से बवासीर का इलाज

बवासीर के लिए कत्था को निम्न तरीकों से उपयोग में लाया जा सकता है:

कत्था और नींबू

कत्था पाउडर और नींबू का मिश्रण बवासीर की समस्या में बहुत कारगर होता है। कत्था एक सूजन-रोधी और एंटी-पायरेटिक पदार्थ के रूप में कार्य करता है। यह बवासीर का खून बहना और सूजन से लड़ने में कारगर है। नींबू का रस अपच और कब्ज से संबंधित समस्याओं को ठीक करने में मदद करता है।

इस नुस्खे को उपयोग में लाने के लिए एक नींबू को दो टुकड़ों में काट लें और दोनों टुकड़ों में 4-5 ग्राम कत्था पाउडर डालें। इसे पूरी रात खुला छोड़ दें। सुबह मल त्यागने के बाद, खाली पेट इन दोनों टुकड़ों को चूस लें। इस उपाय को पांच दिनों तक आजमाया जा सकता है।

कत्था और रीठा

यूनानी वैद्य एवं हकीम बवासीर (piles) का इलाज करने के लिए इस नुस्खे का उपयोग करते थे। रीठा और कत्था पाउडर को बराबर मात्रा में पीसें और एक साथ मिला लें। इस मिश्रण का आधा ग्राम बवासीर के मस्सों पर लगाएं।

क्या बवासीर में कत्था का उपयोग से कोई नुकसान होता है?

कत्था बवासीर के लिए कितना फायदेमंद है और कितना नुकसानदायक इसका कोई ठोस वैज्ञानिक प्रमाण मौजूद नहीं है। इसलिए डॉक्टर की सलाह बिना इसे बवासीर के मस्सों पर नहीं लगाना चाहिए।

आमतौर पर कत्था को दवा जितना खाने से कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है। यह पाचन को बेहतर करता है इसलिए बवासीर में भी इसका सेवन किया जा सकता है।

त्वचा में भी कत्था का उपयोग सुरक्षित माना जाता है। हालांकि, अगर किसी मरीज को एलर्जी है तो वह कत्था से बचकर रहे।

निष्कर्ष

बवासीर से कत्था का सफल इलाज संभव है या नहीं, इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं है। इसमें दर्द और सूजन को कम करने वाले गुण पाए जाते हैं जो बवासीर में राहत पहुंचा सकते हैं।

इसका उपयोग करने से पहले किसी गुदा रोग विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें। कत्था का उपयोग ओरली और टॉपिकली दोनों तरह से सुरक्षित है।

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