जब कोई अंग अपनी वास्तविक जगह से खिसक कर शरीर के भीतरी मांसपेशी के असामान्य छेद से बाहर निकल आता है तो उसे हर्निया कहते हैं। हर्निया से प्रभावित क्षेत्र में उभार आने लगता है।

हर्निया क्या है? (Hernia in Hindi)
जब कोई अंग अपनी वास्तविक जगह से खिसक कर शरीर के भीतरी मांसपेशी के असामान्य छेद से बाहर निकल आता है तो उसे हर्निया कहते हैं। हर्निया से प्रभावित क्षेत्र में उभार आने लगता है।
ज्यादातर लोगों में पेट का हर्निया होता है। छोटे बच्चों में हर्निया की शिकायत हमेशा होती रहती है क्योंकि उनके पेट की मासपेशियां कमजोर होती हैं।
हालांकि, बच्चों का हर्निया स्वयं ठीक हो जाता है लेकिन बुजुर्गों या नौजवानों को होने वाला हर्निया आसानी से ठीक नहीं होता है।
हर्निया के प्रकार
हर्निया मुख्य रूप से चार प्रकार का होता है:
- वंक्षण हर्निया (Inguinal Hernia)
- हाइटल हर्निया (Hiatal Hernia)
- नाभि का हर्निया (Umbilical Hernia)
- फीमोरल हर्निया (Femoral Hernia)
वंक्षण हर्निया (Inguinal Hernia)
इन्गुइनल हर्निया की समस्या में पेट के निचले हिस्से की मांसपेशी कमजोर हो जाती है। यह हर्निया महिलाओं के मुकाबले पुरुषों में ज्यादा होता है। हर्निया के अधिकांश मामले इन्गुइनल हर्निया के ही होते हैं।
हाइटल हर्निया (Hiatal Hernia)
जब हमारे पेट का कुछ भाग डायाफ्राम मांसपेशी को चीरकर छाती के कैविटी तक पहुंच जाता है, तो इसे हाइटल हर्निया कहते हैं। छाती में दर्द और जलन इसके प्रमुख लक्षण है।
अम्बिलिकल हर्निया (Umbilical Hernia)
यह हर्निया नाभि में स्थित होता है। नाभि के आस-पास की त्वचा लाल हो जाती है और पेट उभरा हुआ नजर आता है।
फीमोरल हर्निया (Femoral Hernia)
फीमोरल हर्निया में जांघ या श्रोणि के भीतर के अंग अपनी जगह से बाहर निकल जाते हैं। इस हर्निया का उभार चलने या खड़े रहने पर नजर आता है और लेटने से गायब हो जाता है।
हर्निया के लक्षण (Symptoms of Hernia In Hindi)
हर्निया के लक्षण हर्निया के प्रकार पर निर्भर करते हैं। हर्निया के अधिकांश शुरूआती मामलों में रोगी को कोई भी लक्षण नजर नहीं आते हैं। धीरे-धीरे प्रभावित क्षेत्र में सूजन और दर्द की समस्या बनने लगती है। व्यक्ति को ज्यादा देर खड़े रहने में परेशानी होती है। दौड़ने या भारी सामान उठाने पर तेज दर्द होता है।
जब हर्निया का आकार बड़ा हो जाता है जब अधिक दर्द और सूजन का सामना करना पड़ता है। इस दौरान निम्न लक्षण नजर आ सकते हैं:
- सूजन
- उठते-बैठते समय दर्द
- जलन
- प्रभावित क्षेत्र में उभार
डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?
यदि हर्निया का उभार नजर आने लगा है, त्वचा लाल पड़ गई है, जलन होती है और हर्निया का आकार भी बढ़ रहा है तो बिना देरी किए डॉक्टर से मिलना चाहिए।
हर्निया के कारण (Cause of Hernia In Hindi)
हर्निया का मुख्य कारण है मांसपेशी का कमजोर होना। जांघ, पेट या श्रोणि की मांसपेशी कमजोर हैं तो उसमें छेद होने लगता है और इसी छेद के माध्यम से भीतरी अंग बाहर आने लगते हैं। बहुत दिनों तक इलाज न कराने पर छेद बड़ा हो जाता है जिससे ऑपरेशन की आवश्यकता पड़ती है।
कई जोखिम कारक हैं जो मांसपेशियों को कमजोर करते हैं और हर्निया का कारण बनते हैं। इनमें शामिल हैं:
- भारी चीजें उठाना: वजन उठाने से हर्निया का खतरा बढ़ जाता है क्योंकि इससे मांसपेशियों पर तेज दबाव बनता है।
- गर्भावस्था: गर्भवती महिलाओं को हर्निया का जोखिम आम महिलाओं के मुकाबले अधिक रहता है।
- मल्टीपल प्रेगनेंसी: कई बार गर्भवती हो चुकी महिलाओं में अम्बिलिकल हर्निया का खतरा अधिक रहता है।
- कब्ज: लंबे समय से कब्ज है और मल त्याग करने में दिक्कत होती है तो इससे हर्निया हो सकता है।
- खांसी: पुरानी खांसी (chronic cough) हर्निया होने की संभावना को कई गुना बढ़ा देती है।
- मोटापा: मोटापा हर्निया के प्रमुख जोखिम कारकों में से एक है। मोटे लोगों में पतले लोगों के मुकाबले हर्निया होने का खतरा अधिक रहता है।
- पुरानी सर्जरी: पेट या आंत की पुरानी सर्जरी हर्निया होने की संभावना को बढ़ा सकती है।
हर्निया से बचाव
हर्निया से बचाव संभव है। निम्न बातों का ध्यान रखकर आप हर्निया के खतरे को कम कर सकते हैं।
- धूम्रपान न करें।
- कब्ज से बचें। पर्याप्त मात्रा में फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ खाएं।
- पेट की मांसपेशियों को मजबूत बनाने वाले व्यायाम करें।
- वजन उठाने से बचें। यदि आप वजन उठाते हैं तो अपने घुटनों पर पर जोर लगाएं, न कि कमर या पीठ पर।
- लगातार खांसी है तो डॉक्टर को दिखाएं।
- मोटापा कम करें।
- मल त्याग करते समय जोर न लगाएं।