हेपेटाइटिस बी वायरस एक नॉन साइटोपैथिक (Non-cytopathic) वायरस है। मतलब यह वायरस अप्रत्यक्ष रूप से लिवर को प्रभावित करता है। वायरस को खत्म करने के लिए जब शरीर का इम्यून सिस्टम वायरस पर अटैक करता है तो इस प्रक्रिया में लिवर खराब होने लगता है। यह प्रक्रिया चलती रहती है और लिवर अधिक खराब होता जाता है।
लिवर की क्षति को कम करने के लिए कुछ विशेष दवाओं और टैबलेट का सहारा लिया जा सकता है। हालांकि, यह दवाएं हेपेटाइटिस बी का सफल इलाज प्रदान नहीं करती हैं।
हेपेटाइटिस बी की टैबलेट का नाम
यदि आपको हेपेटाइटिस बी संक्रमण है तो डॉक्टर निम्न दवाएं लिख सकते हैं। ये दवाएं आपके शरीर में हेपेटाइटिस बी वायरस की संख्या को कम करती हैं और लिवर को जल्दी खराब होने से बचाती हैं।
क्रोनीवीर (Cronivir 0.5mg Tablets)

यह मुंह के माध्यम से ली जाने वाली दवा है। इस गोली को कितनी मात्रा में लेना है और कितने समय तक लेना है यह डॉक्टर तय करता है।
ब्रांड नाम | क्रोनीवीर (Cronivir) |
साल्ट कम्पोजीशन | एंटेकाविर (Entecavir) |
स्टोरेज | 20-25°C |
मात्रा | एक डिब्बी में 30 टैबलेट |
प्राइस | ₹1,000 |
आमतौर पर डॉक्टर एंटेकाविर टैबलेट को खाली पेट (भोजन के 2 घंट पहले या बाद में) लेने की सलाह देते हैं। रोजाना एक ही समय पर लेने से यह बेहतर कार्य करती है।
जिन लोगों को एचबीवी के साथ एचआईवी भी है उन्हें इस दवा का सेवन नहीं करना चाहिए या डॉक्टर की सलाह अनुसार करना चाहिए।
लैमीवीर (Lamivir)

लैमीवीर क्रोनिक हेपेटाइटिस बी के इलाज में उपयोग लाई जाती है। यह टैबलेट नए एचबीवी वायरस बनने से रोकती हैं और पुराने को खत्म करती है।
ब्रांड नाम | लैमीवीर (Lamivir) |
साल्ट कम्पोजीशन | लैमीवुडीन (Lamivudine) |
स्टोरेज | 20-25°C |
मात्रा | एक पत्ते में 10 गोलियां |
प्राइस | ₹250 |
यह एक ओवर-द-काउंटर ड्रग है जो एचबीवी के अलावा एचआईवी के रोगियों को भी दी जा सकती हैं। हालांकि, डॉक्टर अब इस दवा को बहुत कम लिखते हैं क्योंकि यह पुरानी हो चुकी है।
रिकोवीर (Ricovir)

रिकोविर क्रोनिक हेपेटाइटिस बी के रोगियों को दी जाती है। यह टैबलेट रक्त में हेपेटाइटिस बी वायरस की संख्या को कम करती है जिससे लिवर की क्षति धीमी हो जाती है।
ब्रांड नाम | रिकोवीर (Ricovir) |
साल्ट कम्पोजीशन | टेनोफोविर डिसप्रॉक्सिल फ्यूमरेट (Tenofovir disoproxil fumarate) |
स्टोरेज | 20-25°C |
मात्रा | एक डिब्बी में 30 टैबलेट |
प्राइस | ₹900 |
डॉक्टर आमतौर पर इसे 12 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों और वयस्कों के लिए निर्धारित करते हैं। इसे अन्य दवाओं के साथ भी दिया जा सकता है।
अडेसेरा (Adesera)

यह एक एंटीवायरल दवा है जिसका उपयोग क्रोनिक हेपेटाइटिस बी और एचबीवी-एचआईवी को-इंफेक्शन के इलाज के लिए किया जाता है। एडेफोविर डीपिवॉक्सिल इस दवा का सक्रिय घटक है।
ब्रांड नाम | अडेसेरा (Adesera) |
साल्ट कम्पोजीशन | एडेफोविर डिपिवॉक्सिल (Adefovir Dipivoxil) |
स्टोरेज | 20-25°C |
मात्रा | एक डिब्बी में 30 टैबलेट |
प्राइस | ₹500 |
एडेफोविर डिपिवॉक्सिल हेपेटाइटिस बी वायरस के विकास को धीमा करके काम करती है। यह टैबलेट किडनी पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है। इसलिए अगर आपको किडनी से संबंधित बीमारी है तो इसे लेने से पहले अपने डॉक्टर को बताएं।
हेप्बेस्ट (Hepbest)

इस दवा का उपयोग कोशिकाओं में एचबीवी की संख्या को कम करने के लिए किया जाता है। यह शरीर से संक्रमण को भी दूर करता है।
ब्रांड नाम | हेप्बेस्ट (Hepbest) |
साल्ट कम्पोजीशन | टेनोफोविर एलाफेनामाइड (Tenofovir Alafenamide) |
स्टोरेज | 20-25°C |
मात्रा | एक डिब्बी में 30 टैबलेट |
प्राइस | ₹1,200 |
आमतौर पर एचबीवी से संक्रमित गर्भवती महिलाएं के लिए हेप्बेस्ट टैबलेट सुरक्षित मानी जाती है। हालांकि इस पर अभी शोध की कमी है।
साइड इफेक्ट
हेपेटाइटिस बी की दवाओं के निम्न साइड इफेक्ट हो सकते हैं:
- सिरदर्द
- थकान या कमजोरी महसूस होना
- पेट और पीठ में दर्द
- खांसी, बुखार
- चक्कर आना
- उल्टी और दस्त
- जी मिचलाना
- पेट में गैस बनना
- खुजली
- वजन घटना
- सोने में कठिनाई
- अवसाद
- नाक बहना या बंद नाक
- दिल की धड़कनें तेज होना
- सीने में जकड़न
- सांस लेने में कठिनाई
- भूख में कमी
- निगलने में कठिनाई
निष्कर्ष
ऊपर बताई गई गोलियां हेपेटाइटिस बी के संक्रमण के प्रभाव को कम करती हैं। इन्हें केवल डॉक्टर की सलाह पर और निर्धारित तरीके से ही लिया जाना चाहिए। ये गोलियां तब दी जाती हैं जब व्यक्ति हेपेटाइटिस बी वायरस से संक्रमित हो चुका होता है। हेपेटाइटिस बी वायरस से बचाव के लिए टीका (Vaccine) दिया जाता है।
अगर आपको किडनी की बीमारी, हृदय रोग, मधुमेह या असामान्य रक्तचाप जैसी कोई गंभीर बीमारी है, तो ऊपर बताई गई कोई भी दवा लेने से पहले डॉक्टर को बताएं।