बवासीर होने पर गुदा नहर की स्फिंकटर मांसपेशियों में सूजन आ जाता है। इस सूजन को खत्म करने में हल्दी मदद कर सकती है। हल्दी बवासीर में रामबाण इलाज साबित हो सकती है।
हल्दी एक प्राकृतिक खाद्य पदार्थ है जिसमें अनेक एंटीओक्सिडेंट और सूजनरोधी गुण पाए जाते है। चलिए जानते हैं कि हल्दी बवासीर की समस्या से कैसे निजात दिलाता है।
बवासीर में हल्दी के फायदे
बवासीर से पीड़ित लोगों के लिए हल्दी एक वरदान की तरह है। मस्सों पर हल्दी लगाने से निम्न लाभ मिलते हैं:
- खुजली दूर होती है
- सूजन कम होता है
- दर्द कम करता है
- एंटीसेप्टिक गुण संक्रमण को रोकते हैं।
हल्दी से बवासीर का इलाज इन हिंदी
हल्दी से पाइल्स का इलाज कने के लिए इसे निम्न तरीकों से उपयोग में लाना चाहिए:
एलोवेरा और हल्दी
हल्दी और एलोवेरा का मिश्रण बवासीर का बेहतरीन घरेलू उपचार है। आपको बस तीन चम्मच एलोवेरा जेल में दो चम्मच हल्दी पाउडर मिलाना है। इस मिश्रण को रात में सोने से पहले मस्सों पर लगाएं।
एलोवेरा मस्सों की जलन को शांत करेगा और हल्दी प्रभावित क्षेत्र के ऊतकों का सूजन कम कर उनके स्वास्थ्य को बेहतर बनाएगी। लगातार कुछ दिनों तक बवासीर के मस्सों पर एलोवेरा और हल्दी लगाने से मस्से जल्दी सूख जाते हैं।
हल्दी और नारियल का तेल
नारियल तेल के एनाल्जेसिक गुण हल्दी के साथ मिलकर बवासीर से लड़ने में अहम भूमिका निभा सकते हैं। नारियल में पीसी हल्दी मिलाकर पेस्ट तैयार करें और गुदा क्षेत्र में अप्लाई करें।
मस्सों पर इस मिश्रण को लगाने के लिए किसी साफ़ सूती कपड़ा का रुई को इस्तेमाल में ला सकते हैं।
आप नारियल तेल को अपने डाइट में भी शामिल कर सकते है। इसके रेचक गुण मल त्याग के दौरान होने वाले तनाव से राहत दिला सकते हैं।
हल्दी और घी
हल्दी और घी का मिश्रण बवासीर के दर्द को कम करने में मदद कर सकता है। यह चिकनाई भरा पेस्ट घाव को ठीक करने में मददगार होता है।
एक चमच्च हल्दी में एक चम्मच घी मिलाएं और बवासीर के मस्सों पर लगाएं। लगातार तीन दिनों तक इस उपाय को आजमाएं और फिर दो दिन रुकें। दो दिन बाद दोबारा से तीन दिनोंतक उपचार की इस विधि को फॉलो करें।
हल्दी प्याज और सरसों का तेल
हल्दी, प्याज का रस और सरसों का तेल बवासीर का सबसे अच्छा इलाज करता है। इस घरेलू तरीके को नियमित रूप से आजमाने पर कुछ ही दिनों में पाइल्स के मस्से सूखकर गिर जाते हैं।
सभी चीजों को बारबार मात्रा में लें और इसका पेस्ट तैयार करें। फिर बवासीर पर यह पेस्ट लगाएं। इस उपाय को रोजाना दिन में 1-2 बार कर सकते हैं।
हल्दी और पेट्रोलियम जेली
हल्दी और पेट्रोलियम जेली को बराबर मात्रा में लेकर मल त्याग करने के लगभग आधा घंटा पहले गुदा क्षेत्र में लगाने से राहत मिलती है। यह नसों के सूजन को शांत करके बवासीर से छुटकारा दिला सकता है।
पेट्रोलियम जेली आपकी त्वचा के लिए नुकसानदायक भी हो सकता है। इसलिए जिस व्यक्ति को पेट्रोलियम पदार्थ से एलर्जी है वह इस नुस्खे का उपयग न करें। हल्दी के साथ केवल हाई क्वालिटी का पट्रोलियम जेली उपयोग में लाएं।
क्या बवासीर में हल्दी वाला दूध पीना चाहिए?
हल्दी का सेवन बवासीर में फायदेमंद होता है लेकिन दूध नुकसानदायक हो सकता है। बवासीर के दौरान दूध या दूध के उत्पादों को नहीं खाना चाहिए वरना इसके लक्षण बढ़ सकते हैं। इसलिए हल्दी वाला दूध न पिएँ तो बेहतर होगा।
डेयरी उत्पाद पेट की गैस को जन्म देते हैं और कब्ज की स्थिति बन सकती है। बवासीर के दौरान कब्ज होना दर्द और लक्षण को अधिक खराब कर सकता है।
बवासीर में हल्दी के नुकसान
आमतौर पर बवासीर के दौरान हल्दी का सेवन करना या बाहरी रूप से इसे त्वचा पर लगाना लाभदायक होता है। लेकिन बहुत अधिक सेवन कर लेने से निम्न नुकसान हो सकते हैं:
- कब्ज
- अपच
- दस्त
- बढ़ाव (distension)
- भाटापा (gastroesophageal reflux)
- मतली
- उल्टी
- पीला मल
- पेट दर्द
निष्कर्ष
हल्दी बवासीर में बहुत अधिक फायदे प्रदान करती है। बाजार में मिलने वाली कई टॉपिकल क्रीम या मलहम में हल्दी मिला हुआ होता है। ऊपर बताए गए नुस्खों की मदद से आप घर में ही हल्दी का मिश्रण तैयार कर बवासीर के मस्सों पर लगा सकते हैं और इसके दर्द से छुटकारा पा सकते हैं।
हालांकि, हल्दी का सेवन सामान्य मात्रा में ही करना चाहिए। साथ ही बवासीर होने पर हल्दी वाले दूध का सेवन नहीं करना चाहिए।
गुदा क्षेत्र में हल्दी का लेप लगाते वक्त सावधानी बरतें वरना कपड़ों में दाग लग सकते हैं। यदि कुछ दिनों तक उपयोग करने के बाद भी लक्षण दूर नहीं होते हैं तो डॉक्टर से इलाज करवाएं।