छाछ (मट्ठा) से बवासीर का इलाज

छाछ यानी मट्ठा, अंग्रेजी में जिसे बटर मिल्क (butter milk) कहते हैं। कब्ज दूर करने में बड़ी सहायता प्रदान करता है। बवासीर रोगियों को छाछ का सेवन अवश्य करना चाहिए। इसका उचित उपयोग करके बवासीर के मस्सों को सुखाया जा सकता है।

आज हम जानेंगे कि बवासीर में छाछ क्या फायदे प्रदान करता है और इसका उपयोग किस तरह करना चाहिए।

बवासीर में छाछ पीने के फायदे

बवासीर में छाछ पीने से निम्न फायदे होते हैं:

  • एसिडिटी दूर करता है, जो बवासीर का एक मुख्य कारण है।
  • कब्ज से राहत दिलाता है। इससे बवासीर से प्रभावित नसों में आराम पहुंचता है।
  • पाचन दुरुस्त करता है।

बवासीर में छाछ का उपयोग कैसे करें?

बवासीर से छुटकारा पाने के लिए छाछ का सेवन कई तरीकों से किया जा सकता है। जैसे:

खाली छाछ

आप खाली ताजे छाछ का सेवन कर सकते हैं। स्वाद के लिए हल्का नमक मिलाया जा सकता है।

छाछ और जीरा

एक गिलास छाछ में एक चम्मच पिसा हुआ भुना जीरा मिलाकर पिएँ। यह नुस्खा बवासीर में बेहद फायदेमंद है। यदि आप चाहें तो मिश्रण में सेंधा नमक भी मिला सकते हैं।

छाछ और हींग

ताजे-ताजे छाछ में थोड़ी मात्रा में हींग मिलाएं और पी लें। इस नुस्खे को दिन में दो से तीन बार आजमा सकते हैं।

आप छाछ में एक साथ हींग, भुना हुआ जीरा पाउडर, हींग और सेंधा नमक मिलाकर भी पी सकते हैं। इस प्रकार छाछ का सेवन करना बवासीर में अधिक फायदे प्रदान करता है।

निष्कर्ष

बवासीर की स्थिति होने पर आयुर्वेद में ऊपर बताई गई विधि से छाछ का सेवन करने को कहा जाता है। हालांकि, यदि आप बवासीर के साथ किसी अन्य गंभीर रोग से पीड़ित हैं तो छाछ पीने से पहले डॉक्टर से पूछ लें। यदि आपको दुग्ध उत्पादों से एलर्जी है तो छांछ का सेवन न करें।

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